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इन्टरनेट ब्राउजिंग एवं उनका ओपरेशन Internet Browsing And Opration

 दोस्तो मै आपका जगतपाल आज हम इस अध्याय में इंटरनेट के बारे में विस्तार रूप से जानेंगें। इंटरनेट क्या है? और उनके ओपरेशन को भी विस्तार रूप  से अध्ययन करेंगें। जिससे पढ़कर आपको कुछ जानकारी प्राप्त हो सके।  इंटरनेट (Internet) विश्व भर में उपलब्ध कंप्यूटर सामान्यतः जब टेलीफोन लाइन और मोॅडेम (Modem) (इंटरनेट से जोड़ने हेतु एक उपकरण) की सहायता से संपर्क में आते हैं तो उनका एक (Network) नेटवर्क स्थापित होता है इसी नेटवर्क से इंटरनेट बना है जिस प्रकार कंप्यूटर पर विभिन्न कार्य हेतु भिन्न प्रकार के सोफ्टवेयर की आवश्यता पड़ती है उसी प्रकार इंटरनेट पर कार्य करने हेतु जिस सोफ्टवेयर की आवश्यकता पढती है, उसे ब्राउज़र कहते हैं।ऐसे ही एक प्रसिद्ध ब्राउज़र (Browser) इंटरनेटर एक्सप्लोरर है। प्रोटोकॉल (Protocol) संदेशो के ऐसे प्रारुप जिन्हे औपचारिक रूप से वर्णित किया जाता है, प्रोटोकोल कहलाते हैं। दो मशीनो के बीच डेटा को आदान-प्रदान के लिए प्रोटोकोल का पालन करना अत्यंत आवश्यक है विभिन्न प्रकार के प्रोटोकोल निम्न है:- 1. POP  (Post Office Protocol) : यह क्लाइंट सर्वर माॅडल पर आधारित होता है। इसका प्रयोग ई

कंप्यूटर का इतिहास History of Computer 🖥

Hello दोस्तो मै जगतपाल आज हम बात करने वाले है आधुनिक युग मे प्रयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक यंत्र यानि की उसका इतिहास। इस अध्याय मे कंप्यूटर के आविष्कार से लेकर अब तक की संसोधन विषेश रुप से चर्चा करेंगें। तो चलिए शुरु करते है। वर्तमान समय में प्रचलित सुपर कंप्यूटर का इतिहास लगभग 353 वर्ष पुराना है। सन् 1642 में ब्लेज पास्कल नामक एक फ्रांसीसी गणितज्ञ ने एक मैकेलिक कैल्कुलेशन मशीन का आविष्कार किया, यह मशीन लिवर और गियर पर आधारित था।इसके द्वारा संख्याओ जोड़ा तथा घटाया जाता है,इस मशीन का नाम बलेज पास्कल के नाम पर पडा।  लगभग इसी समय जर्मन दार्शनिक गार्ड फ्रेड वान लेवीनज ने भी ब्लैज पास्कल से मिलती- जुलती मशीन का आविष्कार किया। यही से कंप्यूटर की विचार धारा का उद्गम हुआ और लोगो ने अपने कार्य आसान बनाने हेतु प्रारंभ किए इन प्रयोगो का परिणामस्वरूप आज से लगभग 150 वर्ष पूर्व एक अंग्रेज गणितज्ञ चाल्स बेबेज द्वारा बनाई गई मशीन के रुप में सामने आई। इस मशीन को बेबेज ने सन् 1833 में सार्वजनक प्रयोगो के लिए उत्पादित करना प्रारंभ किया तथा इस मशीन का नाम उन्होने द बेबेज इंजन रखा। इस मशीन के आविष्कार क

परिचय Introduce

 Hello! दोस्तो  मै जगतपाल भगत जिला- गुमला राज्य- झारखंड (835231) का रहने वाला हुं।  मेरी शिक्षा जिला के एक छोटा- विद्यालय जतरा टाना भगत विद्या मंदिर विशुनपुर से हुई है। यहीं पर मैने अपनी पारंभिक और उच्च शिक्षा प्राप्त की। इस विद्यालय मे Kg से 10th तक कलाशें चलती है। यह विद्यालय Rss संघ संस्था द्वारा चलायी जाती है। यह विद्यालय विकास भारती, बिशुनपुर एनजीओ द्वारा संचालित और झारखंड सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह कहा जाए तो पूर्ण रुप  से गैर  सरकारी विद्यालय है। इस विद्यालय मे पुरे जिला के लोग दुर-दुर विद्या अर्जन हेतु  विद्यार्थि आते है। यह विद्यालय परिसर बिशुनपुर नदी के किनारे स्थित है। आगे मैने इंटर कॉलेज एस. एस. उच्च विद्यालय भवन बिशुनपुर से किया। जिस में मुख्य विषय कला संकाय पर पढाई  की। यहां मैने दो साल की अवधि पूर्ण किया।  इसके बाद मैने स्नातकोत्तर की शिक्षा के लिए कार्तिक उरांव काॅलेज जिला गुमला मे दाखिल लिया। यहां मेरी शिक्षा अभी लगातार जारी है। मेरी स्नातकोत्तर विषय भूगोल पर हो रही है..... आप सभी को मेरी जीवनी कैसी लगी पढकर जरूर बताए  तो फिर चलिए मिलते है अगले टॉपिक पर......